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अभिनेता गोविंदा : एक्टर गोविंदा का नाम 1000 करोड़ के पैन इंडिया ,ऑनलाइन पॉन्जी स्कैम में सामने आया है..

नई दिल्ली 14 सितम्बर 2023| फिल्म अभिनेता गोविंदा से ओडिशा की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग 1000 करोड़ रुपये के पोंजी स्कैम मामले में पूछताछ करने वाली है. हालांकि गोविंदा इस मामले में न तो आरोपी हैं और न ही उनपर संदेह है. पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू के अधिकारी जल्द मुंबई जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक सोलर टेकनो अलायंस (STA-Token) ने कथित तौर पर क्रिप्टो इन्वेस्टेमेंट वेंचर के ज़रिए गैरकानूनी पोंजी स्कीम चलाई. इस कंपनी की दुनिया के कई देशों में ऑनलाइन मौजूदगी है. आरोप है कि स्कीम के ज़रिए कंपनी ने भारत के कई शहरों में 1000 करोड़ रुपये का स्कैम किया.

दो लाख लोगों से 1000 करोड़ जमा करवाए

इस ऑनलाइन पोंजी स्कीम के ज़रिए कंपनी ने अनधिकृत तरीके से 2 लाख से ज्यादा लोगों से करीब 1000 करोड़ रुपये जमा करवाए. गोविंदा ने इस कंपनी का प्रचार किया था. उन्होंने कंपनी के लिए प्रमोशनल वीडियो भी बनाए थे. इसी को लेकर इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग के अधिकारी अधिक जानकारी जुटाने के लिए गोविंदा से सवाल जवाब करने वाले हैं.

गोविंदा से पूछताछ के लिए मुंबई जाएगी टीम

EOW के इंस्पेक्टर जनरल जेएन पंकज ने TOI को बताया, ‘हम जल्द ही फिल्म स्टार Govinda से पूछताछ करने के लिए मुंबई में एक टीम भेजेंगे। उन्होंने जुलाई में गोवा में एसटीए के भव्य समारोह में भाग लिया था और कुछ वीडियो में कंपनी का प्रमोशन किया था।’

धोखाधड़ी करने वाली इस कंपनी ने भद्रक, क्योंझर, बालासोर, मयुरभंज और भुवनेश्वर के करीब 10 हज़ार लोगों से 30 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. इसके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भी लोगों को अपना निशाना बनाया. कंपनी लोगों को इनवेस्ट करने के लिए कहती थी और साथ ही इनवेस्टर्स को अपने साथ दूसरे लोगों को भी जोड़ने के लिए कहती थी. लोगों के जोड़ने पर इंसेंटिव का भी वादा करती थी.

क्या दोषी हैं गोविंदा?

लेकिन एक्टर के फैंस के लिए राहत की बात ये है कि EOW के मुताबिक गोविंदा इस मामले में आरोपी नहीं है और न ही उन पर किसी तरह का शक किया जा रहा है। लेकिन इस मामले में उनकी क्या भागीदारी थी ये तभी पता लग पाएगा जब उनसे पूछताछ की जाएगी। अगर ये साबित हो जाता है कि गोविंदा की भागीदारी इस केस में सिर्फ सेलिब्रिटी एन्ड्रोसेमेन्ट तक ही सीमित हैं तो उन्हें इस मामले में गवाह बनाया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें, इस कंपनी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों के लोगों को अपना निशाना बनाया था।

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