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CG- शिक्षा विभाग ब्रेकिंग : BEO से प्रभार लेकर कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर को दिया DEO का चार्ज, तो मचा बवाल……शिक्षा विभाग के शीर्ष अफसरों तक पहुंची शिकायत…उधर कलेक्टर ने NW न्यूज से कहा…….

रायपुर 19 अक्टूबर 2021। बालोद में कलेक्टर के एक आदेश से शिक्षा विभाग में खलबली मची है। दरअसल बालोद जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर को देने का आदेश दिया है। इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार BEO को दिया गया था, लेकिन उस आदेश को निरस्त करते हुए कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा को जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज देने का आदेश जारी किया है। इससे पहले 13 अक्टूबर को बालोद के बीईओ बसंत बाध को प्रभारी डीईओ बनाया गया था।

कलेक्टर का ये आदेश जैसे ही वायरल हुआ, शिक्षा विभाग में आलोचनाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों तक भी संगठन के पदाधिकारियों ने शिकायत कर इसे गलत परंपरा बताया। दरअसल छत्तीसगढ़ में ये परिपाटी रही है कि जिला शिक्षा अधिकारी के प्रभार के तौर पर शिक्षा विभाग कैडर के ही किसी अधिकारी को चार्ज दिया जाता है। लेकिन इससे इतर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को DEO का प्रभार दिया गया।

इधर इस पूरे प्रकरण पर NW न्यूज ने बालोद कलेक्टर जन्मजेय महोबे से बात की, तो उन्होंने कहा कि ये सिर्फ नयी नियुक्ति तक का प्रभार है। उन्होंने कहा कि …

“जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार बीईओ को दिया गया था, लेकिन काम अच्छी तरह से नहीं हो पा रहा था। हाल के दिनों में शिक्षा विभाग से जुड़े काफी काम होने है, उसे लेकर डिप्टी कलेक्टर को प्रभार दिया गया है, वैसे भी ये प्रभारी स्थायी नहीं है, बल्कि सिर्फ नयी नियुक्ति होने तक के लिए हैं। चूंकि प्रशासनिक अधिकारी को सभी तरह के काम का अनुभव होता है, इसलिए नयी नियुक्ति होने तक उन्हें चार्ज दिया गया है”

आपको बता दें कि बालोद में डिप्टी कलेक्टर को डीईओ का चार्ज देने का मामला काफी तूल पकड़ गया है। सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने ने इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। विवेक दुबे ने कहा है कि …

अभी तक ऐसी परंपरा शिक्षा विभाग में नहीं थी। जिला शिक्षा अधिकारी के प्रभार जब भी देने की बारी आयी, वो शिक्षा विभाग कैडर के ही अधिकारी को दिया गया। हमारे विभाग में कई काबिल अधिकारी है, उसके बावजूद डिप्टी कलेक्टर यानि राज्य प्रशानिक सेवा के अफसर को प्रभार देना बिल्कुल गलत है, मैंने इस बारे में शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखा है और संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

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