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कभी नक्सली थी दसमी, अब रिसोर्ट में बनी रिसेप्शनिस्ट : …जिस दिन हुई थी शादी, उसी दिन मुठभेड़ में मारा गया पति….आत्मसमर्पित नक्सली दसमी कुहरामी ने मुख्यमंत्री को सुनाई अपनी कहानी

  • नक्सल कैम्प में पति से पहली बार मिली, जिस दिन शादी हुई उसी दिन मुठभेड़ में पति मारे गए, संवरने से पहले ही बिखरी ज़िंदगी, 9 साल रही नक्सली, फिर आत्मसमर्पण किया, अब रिसेप्शनिस्ट बन शुरू करूंगी नई जिंदगी
  • कभी बंदूक उठाने वाली दसमी कुहरामी अब इको टूरिज्म रिसॉर्ट के रिसेप्शन पर बस्तर आने वाले पर्यटकों का करेंगी स्वागत
  • नाच गाने का शौक था, उसी वजह से शामिल हुईं नक्सल ग्रुप में, बाद में कड़वी सच्चाई से हुईं वाकिफ, किया आत्मसमर्पण

रायपुर 24 मई 2022। कभी नक्सली रहकर बंदूक उठाने वाली दसमी कुहरामी अब बस्तर आने वाले पर्यटकों का इको टूरिज़्म रिसोर्ट के रिसेप्शन पर स्वागत करेंगी। 9 साल नक्सली जीवन बिता कर आत्मसमर्पण करने वाली दसमी कुहरामी की ये कहानी नक्सली जीवन की कड़वी सच्चाई बयां करती है। दसमी को नाच गाने शौक था इसी वजह से वे नक्सल समूह की चेतना नाट्य मंडली में शामिल हो गईं।

शुरुआत में वो नक्सल गतिविधियों की असलियत से अनजान थी। नक्सल कैम्प में ही पति वर्गेश से मुलाक़ात हुई। दोनों ने शादी कर साथ जीवन बिताने का फैसला किया। मगर दसमी का सुखी वैवाहिक जीवन का सपना शुरू होते ही बिखर गया। जिस दिन दसमी की शादी हुई, उसी दिन पति वर्गेश कटेकल्याण क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारा गया। 2011 में नक्सली बनी दसमी ने नौ साल नक्सली रहने के बाद 2020 में आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।

दसमी ने बताया कि नक्सली रहते हुए उन्हें हमेशा छुप छुप के रहना पड़ता था। घरवालों से मिलना नहीं हो पाता था। हर समय बंधन और डर बना रहता था। इसीलिए मैंने वो रास्ता छोड़ कर आत्मसमर्पण किया, अब वापस अपने गांव चांदामेटा आ गयी हूँ। वापस घरवालों के साथ रहकर सामान्य ज़िंदगी शुरू की है। अब मुझे चित्रकोट के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली है। एक नई जिंदगी की शुरआत हुई है। दसमी ने दोबारा जीवन शुरू करने का मौका देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया।

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