पॉलिटिकल

राज्यपाल ने तीन विधेयकों पर किये हस्ताक्षर… पिछले दिनों मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने की थी मुलाकात…. देखिये किन-किन विधेयकों पर लगी राज्यपाल की मुहर

रायपुर 29 सितंबर 2022। राज्यपाल ने आज देर शाम तीन विधेयकों को मंजूरी दे दी। विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल के पास 8 विधेयक लंबित थे। उनमें से तीन विधेयकों पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिये हैं। जिन तीन विधेयकों पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर किये, उनमें छत्तीसगढ़ भू जल विधेयक 2022, छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक 2022, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 शामिल हैं।

भू-जल विधेयक 2022

यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई 2022 को पारित किया गया था।उल्लेखनीय है कि राज्य में विशेष रूप से संकटग्रस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में, परिणात्मक एवं गुणात्मक दोनों रूप में, भूजल का प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु भू-जल की सुरक्षा, संरक्षा, नियंत्रण आदि विषयो के संबंध में ये विधेयक पारित किया गया है।इस विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण गठन करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी हाेंगे। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल प्रबंधन का दीर्घकालीक कार्य करने का अनुभव रखने वाले तीन विषय विशेषज्ञों एवं सार्वजनिक/ गैर सरकारी संगठन/ सामाजिक क्षेत्र के एक प्रख्यात व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है। गैर-अधिसूचित/अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक/वाणिज्यिक/खनन के लिए भू-जल निष्कर्षण हेतु अनुमति देने का कार्य यह प्राधिकरण करेगा।जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद् गठन करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही कलेक्टर जिला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा विकासखण्ड स्तर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित विकासखण्ड में भू-जल उपयोगकर्ता पंजीकरण समिति गठन करने का भी प्रावधान किया गया है।विधेयक के तहत् समुचित निकाय में रजिस्ट्रीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों के उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक 2022

छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2022 सदन में पारित होने के बाद राजभवन में अटका था। टैरिफ आदेश में जारी सूचना के मुताबिक ऊर्जा प्रभारों की दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसमें आम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर गैर घरेलू और उद्योगों के भी ऊर्जा प्रभार की दरें बढ़ायी गयी हैं. नये टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है और इस तरह 11 प्रतिशत ऊर्जा प्रभार आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल में जुड़कर आयेगा.विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि  विद्युत शुल्क में बढ़ोत्तरी कर सरकार अपनी जेब भरने जा रही है. इसके पहले गौठनों के सेस, कोरोना सेस शराब पर सेस लगाकर लुटा गया है, जिसके जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली दरों को 10 साल बाद अनुपातिकरण किया जा रहा है. इससे पहले 2012 में अनुपातिकरण किया गया था, जब बीजेपी की ही सरकार थी. इसकी राशि राज्य के संचित निधि में ही जायेगा, जो शुल्क लगाया गया है वो सेस या उपकर नहीं है।

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022

प्रदेश के स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल भी पांच वर्ष होगा। अभी वहां के कुलपति का कार्यकाल चार वर्ष तक रहता था। इसके लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया था। इसमें सेल के दो प्रतिनिधियों को परिषद में शामिल करने का प्रविधान भी शामिल है। विश्वविद्यालय की शिक्षा परिषद में सेल के दो सदस्यों को भी शामिल करने का प्रविधान इस कानून में किया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के लिए सेल के उपक्रम भिलाई स्टील प्लांट ने 250 एकड़ जमीन दी है। इसके लिए हुए समझौते में यह बात शामिल है कि परिषद में उसके दो सदस्यों को शामिल किया जाएगा। चौबे ने कहा कि सेल या बीएसपी के सदस्यों के शामिल होने से विश्वविद्यालय को भी लाभ होगा। कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष किए जाने को लेकर चौबे ने बताया कि राज्य के लगभग सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष किया जा चुका है, केवल तकनीकी विश्वविद्यालय ही बाकी था।

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