हेल्थ / लाइफस्टाइल

शरीर में ये चार संकेत करते हैं पथरी का इशारा, अनदेखी की तो किडनी तक हो सकती है फेल

आज की बदलती जीवन शैली में बीमारियों से ग्रसित होना बहुत आम हो गया है। वहीं, जो लोग शारीरिक तौर पर सक्रिय रहते हैं वो अधिक समय तक निरोग रहते हैं। किडनी हमारे शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है जो शरीर में खून से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी में स्टोन से आज के समय में कई लोग पीड़ित हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण युवा भी इस समस्या से परेशान नजर आते हैं। शरीर में पोटैशियम, प्रोटीन, सोडियम और शुगर की कमी के कारण किडनी में पथरी की समस्या हो जाती है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की वजह से भी किडनी में पथरी हो जाती है। हालांकि, अगर मरीज इन संकेतों को अनदेखा न करें तो इस बीमारी का पता समय पर लगा सकते हैं।

किडनी स्टोन को नेफ्रोलिथ या रीनल कैलकुली भी कहा जाता है। ये आमतौर पर कैल्शियम या यूरिक एसिड से बने नमक और खनिजों के ठोस संग्रह होते हैं। ये दाल बराबर छोटे-छोटे दानों से लेकर टेनिस बॉल के साइज तक के हो सकते हैं। ये गुर्दे के अंदर बनते हैं और कई बार यूरीनरी ट्रैक्ट (पेशाब की नली) में भी चले जाते हैं। पथरी तब बनती है जब आपके आपके खाने-पीने से निकले विषाक्त तत्व यानी एक तरह का कचरा किडनी या पेशान नली में जमा हो जाता है। ये समस्या खासतौर पर तब पैदा होती है जब लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं।

कमर में दर्द: यह किडनी स्टोन के सामान्य लक्षणों में से एक है। पेट के निचले हिस्से में, साइड में या फिर कमर में दर्द किडनी में पथरी की ओर इशारा करता है। जब कोई पत्थर गर्भाशय या मूत्राशय में कहीं फंस जाता है तो यह असहनीय दर्द का कारण बनता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार लोगों में ये गलत धारणा होती है कि बड़े साइज का पथरी ज्यादा कष्टदायक होता है जबकि असल में स्टोन जितना छोटा होता है, उतना ही अधिक दर्द होता है।

पेशाब के दौरान दर्द या जलन: अगर पथरी यूरेटर (पेशाब की नली) और यूरिनरी ब्लैडर (पेशाब की थैली) के बीच वाले हिस्से में पहुंच जाती है तो इससे यूरीन पास होने में काफी दिक्कत होती है। इस स्थिति को डायसुरिया कहा जाता है। इसमें भी मरीज को भयानक दर्द का सामना करना पड़ सकता है।

फीवर और थकान: किडनी स्टोन के गंभीर मामलों में मरीज को फीवर, शरीर के निचले हिस्से में सूजन और थकान का सामना भी करना पड़ सकता है।

बार-बार बाथरूम जाना: आमतौर पर जब लोगों की किडनी में स्टोन हो जाता है तो वो एक बार में अपने ब्लैडर को क्लियर करने में सक्षम नहीं रह जाते हैं क्योंकि यूरिन करते समय उन्हें दर्द और जलन की शिकायत हो सकती है। यही वजह है कि लोगों को बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है।

जिन लोगों को डायबिटीज या मोटापा होता है, उनमें गुर्दे की पथरी होना काफी आम है। यह रोग सिस्टिनुरिया नामक आनुवांशिक स्थिति के कारण भी हो सकता है। छोटे गुर्दे की पथरी आम तौर पर कोई खास लक्षण प्रकट नहीं करती है, लेकिन जब यह व्यक्ति की पेशाब नली तक पहुंचती है तो इससे भयंकर दर्द और कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर गुर्दे की पथरी छोटी होती है तो यह यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है। लेकिन अगर ये बड़ी होती है तो ये काफी दर्द पैदा करती है।

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